Biography of james watt in hindi language
James Watt Biography in Hindi वैज्ञानिक जेम्स वाट की जीवनी
सर्दी की एक रात बालक जेम्स ने अंगीठी पर चढ़े पतीले को देखा ,जिसका पानी उबल रहा था | जेम्स ने देखा कि केतली का ढक्कन भाप की वजह से बार बार उपर उठ रहा है | उन्होंने भाप की शक्ति को पहचानकर उसका उपयोग करने की योजना बनाई | में माता के अचानक देहावसान तथा पिता के व्यापार में घाटे ने उनके जीवन की दशा ही बदल दी | उन्हें अपरेंटिस का काम करने के लिए मजबूर होना पड़ा | इसके बाद पेट भरने के लिए एक घड़ी निर्माता के यहा काम करने के साथ साथ कई छोटे मोटे कार्य भी करने पड़े |
जेम्स वाट का कैरियर – James Technologist Life History
में माता के अचानक देहावसान तथा पिता के व्यापार में घाटे ने उनके जीवन की दशा ही बदल दी। उन्हें अपरेंटिस का काम करने के लिए मजबूर होना पड़ा। इसके बाद पेट भरने के लिए एक घड़ी निर्माता के यहां काम करने के साथ कई छोटे-मोटे कार्य भी करने पड़े। में जेम्स ने अपनी छोटी-सी वर्कशॉप बना ली, जिसमें वह यान्त्रिक उपकरण ठीक करने लगे।
इसी बीच उन्हें गुप्त ताप की खोज की घटना के बाद भाप सम्बन्धी शक्ति का ध्यान हो आया। उन्हीं दिनों विश्वविद्यालय में एक धीरे-धीरे काम करने वाला अधिक ईधन लेने वाला एक इंजन मरम्मत के लिए आया। जेम्स ने इसे सुधारने का बीड़ा उठाया और उन्होंने उसमें लगे भाप के इंजन में एक कण्डेन्सर लगा दिया, जो शून्य दबाव वाला था, जिसके कारण पिस्टन सिलेण्डर के ऊपर नीचे जाने लगा। पानी डालने की जरूरत उसमें नहीं थी।
शून्य की स्थिति बनाये रखने के लिए जेम्स ने उसमें एक वायुपम्प लगाकर पिस्टन की पैकिंग मजबूत बना दी। घर्षण रोकने के लिए तेल डाला तथा एक रटीम टाइट बॉक्स लगाया, जिससे ऊर्जा की क्षति रुक गयी। इस तरह वाष्प इंजन का निर्माण करने वाले जेम्स वाट पहले आविष्कारक बने
जेम्स ल्यूनर सोसाइटी के एक महत्वपूर्ण सदस्य थे। ल्यूनर सोसायटी बर्मिघम स्थित एक ऐसा प्रतिष्ठित क्लब था, जिस के सदस्य जाने माने उद्योगपति और वैज्ञानिक हुआ करते थे। इसके सदस्य से के बीच नियमित रुप से बैठक कर वैज्ञानिक क्षेत्र की समस्याओं तथा उनके समाधान के उपायों के बारे में गहन विचार विमर्श करते थे।
उस जमाने मे स्ट्रीट लाइट की व्यवस्था ना होने के कारण क्लब की बैठक के ‘फुल मून’ यानी पूर्णिमा के दिन हुआ करती थी। जेम्स इस क्लब की जान थे। उन्होंने अपने शोध कार्यों के दौरान पाया कि यदि भाप इंजन की गति को नियंत्रित करने का कोई उपाय हो सके तो इंजन को उपयोगी बनाया जा सकता था। उन्होंने भाप इंजन की गति को नियंत्रण करने के लिए सेंट्रीफ्यूगल गवर्नर को अपनाया। वैसे, पवनचक्की और पनचक्की की गति नियंत्रित करने के लिए सेंट्रीफ्यूगल गवर्नर का पहले से इस्तेमाल किया जा रहा था। जेम्स के सर्कुलर मोशन को स्ट्रेट लाइन मोशन में परिवर्तित करने के लिए पैरेलल मोशन लिंकेज का आविष्कार किया।
उन्होंने इंजन के पूरे कार्यचक्र के दौरान सिलेंडर में भाप के दबाव की माप करने के लिए स्टीम इंडिकेटर डायग्राम को भी इजाद किया। इससे पहले इंजन की छमता की जानकारी करने में आसानी हो गई। जेम्स ने भोथरे किस्म के भाप इंजन में ऐसा सूक्षम परिवर्तन किए कि उसका इस्तेमाल सरल और व्यवहारिक हो गया।
आज संपूर्ण विश्व जिन वैज्ञानिकों की खोज का सर्वाधिक उपयोग करता है जेम्सवाट उन महान वैज्ञानिको मे एक है। जब संपूर्ण विश्व ऊर्जा के किसी मजबूत एवं कारगर स्रोत की तलाश में था तब इन्होंने भाप इंजन के स्वरुप में परिवर्तन कर उसे सर्वाधिक उपयोगी बनाने का कार्य किया। आधुनिक विश्व जिस औद्योगिक क्रांति के महानतम दौर से गुजर कर वर्तमान तक आया है उसे उद्योगिक क्रांति का आधार ही जेम्स वाट के आविष्कारों पर टिका था। उससे पहले संपूर्ण औद्योगिक व्यवस्था मूलत: पशु शक्ति और मानव की शारीरिक शक्ति पर आश्रित थी। यही कारण है कि शक्ति की एक महान इकाई का नाम ‘हॉर्स पावर’ भी है। जेम्स वाट ने ही पहली बार यह प्रतिपादित किया की जल के वाष्प में अकूत शक्ति है और अगर उसे समायोजित कर एक निश्चित केंद्र-बिंदु पर प्रक्षित किया जाए तो उससे प्राप्त होने वाली शक्ति से बड़ी से बड़ी मशीनें चलाई जा सकती है।
में उन्होंने मार्गरेट मिलर से शादी कर ली और उन्हें पाँच बच्चे भी हुए, लेकिन उनमे से दो ही युवावस्था तक जीवित रह सके : जेम्स जूनियर () और मार्गरेट ()। उनकी पत्नी में एक बच्चे हो जन्म देते हुए मृत्यु हो गयी थी। में उन्होंने दोबारा एन्न मैकग्रेओर से शादी कर ली, जो ग्लासगो डाई-मेकर (Dye-Maker) की बेटी थी। उनसे उन्हें दो बच्चे हुए : पहले ग्रेगोरी () जो भूवैज्ञानिक और खनिज विज्ञानी थे और दुसरे बेटे जेनेट () थे।
जेम्स वाट – James Technologist का छः चीजो पर एकल अविष्कार का पेटेंट है:
• पेटेंट A उन्होंने स्टीम इंजन में अलग से कंडेंसर को लगाकर उसका उपयोग करने की विधि बतायी थी। इसे 5 जनवरी को अपनाया गया था, जबकि 29 अप्रैल को इसे नामांकित किया गया था और में संसद में इसे जून तक बढ़ा दिया गया था।
• पेटेंट 1, शब्दों को कॉपी करने की नयी विधि बतायी, इस बदलाव को 14 फरवरी में अपनाया गया और 31 मई में इसे नामांकित किया गया था।
• पेटेंट 1, सूरज और ग्रह की परिक्रमण गति को बढ़ाने की नयी विधि बतलायी। इस बदलाव को 25 अक्टूबर में अपनाया गया और 23 फरवरी को इसे नामांकित किया गया।
• पेटेंट 1, स्टीम इंजन में उन्होंने कयी सुधार किये – जिसमे तीन बार मोशन और स्टीम कैरिज लगाया गया। इस बदलाव को 28 अप्रैल को अपनाया गया और 25 अगस्त को इसे नामांकित किया गया।
• पेटेंट 1,, स्टीम इंजन में उन्होंने कयी सुधार किये – उसकी कार्यक्षमता बढ़ायी और डिजाईन भी बदला। इस बदलाव को 14 मार्च को अपनाया गया और 4 जुलाई को इसे नामांकित किया गया।
• पेटेंट 1, भट्टी के निर्माण की नयी विधि बतायी। इस बदलाव को 14 जून को अपनाया गया और 9 जुलाई को नामांकित किया गया।
जेम्स वाट 83 वर्ष की उम्र मे इस दुनिया से अलविदा कर गये।